अमन सिंह। सिंगरौली, 13 दिसम्बर 2025
नेशनल लोक अदालत के अवसर पर नगर पालिक निगम सिंगरौली द्वारा आयोजित शिविर का आयुक्त सविता प्रधान द्वारा किया गया निरीक्षण केवल औपचारिकता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह निगमीय जवाबदेही, पारदर्शिता और राजस्व अनुशासन का सशक्त संदेश बनकर सामने आया। आयुक्त ने स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों को निर्देशित किया कि निगम से जुड़े सभी प्रकरणों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए तथा बकायेदारों से कर एवं अन्य प्रभारों की सख्ती के साथ वसूली की जाए।
आयुक्त सविता प्रधान ने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य मात्र खानापूर्ति नहीं, बल्कि अधिकतम मामलों का त्वरित, सरल और न्यायसंगत निराकरण होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि करदाताओं को बकाया संपत्ति कर, जल प्रभार एवं अन्य उपभोक्ता शुल्क जमा करने के लिए सक्रिय रूप से प्रेरित किया जाए। साथ ही नागरिकों को यह भी अवगत कराया जाए कि शासन के प्रावधानों के अंतर्गत लोक अदालत में निर्धारित सीमा तक ब्याज एवं अर्थदंड (पेनाल्टी) में छूट का लाभ लिया जा सकता है।
आयुक्त ने कर वसूली प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने पर विशेष जोर देते हुए बताया कि ई-नगर पालिका पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान की सुविधा उपलब्ध है, जिससे नागरिकों को अनावश्यक परेशानियों से बचाया जा सके। निरीक्षण के दौरान उन्होंने शिविर में उपस्थित करदाताओं से सीधे संवाद कर लोक अदालत के उद्देश्य, बकाया कर की स्थिति तथा उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी भी ली।
निरीक्षण के क्रम में आयुक्त ने पंजीयन काउंटर, बैठने की व्यवस्था, पेयजल, प्रकाश व्यवस्था एवं सूचना प्रदर्शन जैसी मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया। व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कुछ आवश्यक सुधारों के निर्देश भी दिए, ताकि नागरिकों को बेहतर सुविधा मिल सके।
इस अवसर पर नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर आर.पी. वैश्य सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
कुल मिलाकर, यह निरीक्षण इस बात का स्पष्ट संकेत है कि लोक अदालत को केवल छूट का मंच नहीं, बल्कि निगम और नागरिकों के बीच विश्वास, पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने का प्रभावी माध्यम बनाया जाना चाहिए।






