अमन सिंह
सिंगरौली/चितरंगी सरकारी व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत को उजागर करता एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। मामला चितरंगी विकासखंड अंतर्गत आयुर्वेद औषधालय लमसरई का है, जहाँ औषधालय के परिसर में प्राइवेट विद्यालय का संचालन होते हुए दिखाई दे रहा है वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि जिस भवन का उपयोग ग्रामीणों के इलाज और आयुर्वेदिक सेवाओं के लिए होना चाहिए, वहाँ बच्चों की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं यह दृश्य न केवल नियमों की अनदेखी को दर्शाता है, बल्कि सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि औषधालय में डॉक्टर और दवाइयों की सुविधा पहले से ही सीमित है, ऊपर से भवन का उपयोग निजी विद्यालय के लिए किया जाना स्वास्थ्य सेवाओं के साथ अन्याय है लोगों ने आरोप लगाया कि यह सब प्रशासन की जानकारी में होते हुए भी लंबे समय से चल रहा है, लेकिन अब वीडियो वायरल होने के बाद मामला चर्चा में आया है
सोशल मीडिया पर लोग तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं कोई इसे “सरकारी भवनों की लूट” बता रहा है तो कोई “प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण”सवाल यह है कि क्या संबंधित विभाग कार्रवाई करेगा या यह मामला भी अन्य वायरल मुद्दों की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा?
अब देखना यह होगा कि वायरल वीडियो के बाद स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन क्या कदम उठाता है और क्या आयुर्वेद औषधालय को उसका वास्तविक उद्देश्य वापस मिल पाएगा।





