मैहर—क्षेत्र में ओवरलोड ट्रकों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिला प्रशासन और परिवहन विभाग इस गंभीर समस्या से पूरी तरह बेखबर नजर आ रहा है। बठिया–बरहिया से मैहर मार्ग हो या भदनपुर–मैहर मार्ग, ओवरलोड पत्थर के ट्रकों ने स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे की सूरत बिगाड़कर रख दी है, सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं।स्थानीय नागरिकों ने कई बार शिकायतें दर्ज कराईं, SDM, कलेक्टर और नगर पुलिस अधीक्षक को पत्र भी सौंपे, लेकिन कार्रवाई के नाम पर शून्य। यही वजह है कि अब प्रशासन की निष्क्रियता लोगों के बीच कड़ी आलोचना का विषय बनी हुई है।लोगों का कहना है कि मैहर नवागत जिला है, परिवहन कार्यालय का यहां अभाव है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ओवरलोडिंग पर नकेल कसने वाला कोई नहीं। नागरिकों का आरोप है कि कुछ शासकीय कर्मचारी उद्योगों के बंगलों में आराम फरमा रहे हैं, और शायद इसी वजह से प्रशासन अपने ‘मेहमान’ कर्मचारियों की खातिरदारी में व्यस्त है, कार्रवाई करने में कृत्रिम सुस्ती दिखा रहा है।ओवरलोड ट्रकों की वजह से रोजाना यात्रियों की जान जोखिम में पड़ रही है, सड़कें टूट चुकी हैं, हादसों का खतरा बढ़ गया है, लेकिन जिम्मेदार चुप हैं और ट्रक बेलगाम। स्थानीय लोगों ने साफ कहा—मैहर कलेक्टर संबंधित विभाग को सख्त निर्देश दें, नहीं तो ओवरलोड माफिया पूरी सड़क व्यवस्था को निगल जाएगा।
जनता की मांग स्पष्ट है—बठिया–बरहिया से मैहर और भदनपुर–मैहर मार्ग पर तुरंत कठोर कार्रवाई हो, वरना प्रशासन की यह चुप्पी सवालों के घेरे से बाहर नहीं निकलेगी।
