| अमन सिंह। सिंगरौली |
चितरंगी क्षेत्र में निजी स्कूलों की लापरवाही उस समय उजागर हो गई, जब चित्रांश पब्लिक स्कूल, धवई द्वारा स्कूली बच्चों के आवागमन के लिए एक अत्यंत जर्जर और कबाड़ अवस्था वाले बोलेरो वाहन का उपयोग किया जा रहा था। हैरानी की बात यह रही कि इस असुरक्षित वाहन में 23 बच्चों को ठूंस-ठूंस कर धवई से पराई की ओर ले जाया जा रहा था, जो न केवल नियमों का खुला उल्लंघन था बल्कि बच्चों की जान के साथ सीधा खिलवाड़ भी था।
औचक निरीक्षण में खुली पोल
दिनांक 20 दिसंबर 2025 को औचक निरीक्षण पर निकले उपखंड अधिकारी (एसडीएम) श्री सौरभ मिश्रा एवं राजस्व टीम ने संदिग्ध वाहन को रुकवाया। जांच में स्पष्ट हुआ कि वाहन स्कूल वाहनों के निर्धारित सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरता और उसकी हालत अत्यंत जर्जर है। यह स्थिति गंभीर प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाने वाली थी।
स्कूल प्रबंधन को कड़ी फटकार
मौके पर ही एसडीएम ने स्कूल प्रबंधक से फोन पर बात कर कड़ी फटकार लगाई और तत्काल वैकल्पिक, सुरक्षित वाहन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। प्रशासन की तत्परता के चलते दूसरी वाहन मौके पर मंगाई गई, जिसमें बच्चों को सुरक्षित रूप से बैठाकर गंतव्य की ओर रवाना किया गया।
पूरे विद्यालय की जांच के आदेश
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम द्वारा बीआरसीसी एवं बीईओ को विद्यालय की संपूर्ण जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही दो दिवस के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश भी जारी किया गया है, ताकि दोषियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
मानवीय संवेदनशीलता का उदाहरण
मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए एसडीएम एवं तहसीलदार ने बच्चों को स्वयं कबाड़ वाहन से सुरक्षित नीचे उतरवाया और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए टॉफी वितरित की। इसके बाद सभी बच्चों को सुरक्षित वाहन से रवाना किया गया।
100 से अधिक निजी स्कूलों पर सवाल
एसडीएम से चर्चा के दौरान एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि चितरंगी क्षेत्र में लगभग 100 से अधिक निजी विद्यालयों की स्थिति कमोबेश इसी प्रकार की है, जहां बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही बरती जा रही है।
ए.आर.एस. पब्लिक स्कूल को नोटिस की तैयारी
एसडीएम श्री सौरभ मिश्रा ने स्पष्ट किया कि ए.आर.एस. पब्लिक स्कूल के संबंध में शीघ्र ही नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा। उन्होंने दो टूक कहा कि अब केवल चेतावनी नहीं, बल्कि नियमों के उल्लंघन पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
यह पूरा घटनाक्रम निजी स्कूलों द्वारा बच्चों की सुरक्षा के साथ किए जा रहे गंभीर समझौतों को उजागर करता है। प्रशासन का संदेश साफ और कठोर है—बच्चों की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।





