चितरंगी, सिंगरौली।
जनपद पंचायत चितरंगी अंतर्गत ग्राम पंचायत चितावल खुर्द में वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप सामने आए हैं। ग्राम के उपसरपंच मन्नू प्रसाद केवट ने पंचायत सचिव पर 15वें वित्त आयोग तथा द्वितीय किस्त के तहत प्राप्त फंड में भारी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है उपसरपंच के अनुसार, पंचायत सचिव ने बिना ग्रामसभा की बैठक आयोजित किए मनमाने तरीके से कार्यों की स्वीकृति दी और ₹3,46,500 की राशि फर्जी तरीके से आहरित कर ली। उन्होंने यह भी कहा कि पंचायत के 18 में से कई पंचों को इन कार्यों की कोई जानकारी नहीं दी गई। यहां तक कि उपसरपंच स्वयं और एक अन्य पंच को पंचायत मानदेय तक नहीं दिया गया उन्होंने बताया कि पूर्व में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिस पर 15 दिनों के भीतर जांच का आश्वासन मिला था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मन्नू प्रसाद का आरोप है कि दिनांक 4 जून 2025 को पंचायत में बिना विधिवत ग्रामसभा के 18 से अधिक कार्य, जैसे नाली निर्माण, पुलिया निर्माण आदि, स्वीकृत कर दिए गए उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि एक स्वतंत्र जांच दल गठित कर निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे आमरण अनशन पर बैठने को बाध्य होंगे विशेष टिप्पणी ग्राम पंचायतों में वित्तीय पारदर्शिता और जनप्रतिनिधियों की सहभागिता लोकतंत्र की आत्मा है। यदि उपसरपंच के आरोप सही हैं, और वाकई लाखों रुपये बिना ग्रामसभा की सहमति के खर्च किए गए हैं, तो यह प्रशासनिक प्रणाली के लिए खतरे की घंटी है इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि कहीं न कहीं स्थानीय प्रशासन की लापरवाही या संभावित मिलीभगत का संकेत है ऐसे मामलों में जांच प्रक्रिया त्वरित और पारदर्शी होनी चाहिए, ताकि पंचायत स्तर पर जनता का भरोसा बना रहे यह घटना जिले की अन्य पंचायतों के लिए भी एक चेतावनी है — यदि समय रहते जवाबदेही तय नहीं की गई, तो ग्रामीण क्षेत्रों में उभरता असंतोष बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।