सिंगरौली जिले के चितरंगी थाना क्षेत्र के गांव मैं धड़ल्ले से बिक रहा है देसी शराब वही युवा वर्ग नशेे के गिरफ्त में जकड़ता जा रहा हैं पुलिस का नशामुक्त अभियान केवल दिखावा पुलिस नशामुक्त अभियान बीच-बीच में चलाती रहती हैं लेकिन इसे केवल एक दिखावा मानते है शहर से लेकर गांव में धड़ल्ले के साथ देशी हाथ की बनी महुआ की शराब बिक रही है आलम यह है कि ग्रामीण अंचलो में कारोबारी घर-घर शराब बेचने जाते हैं यहा पुलिस एवं आबकारी महकमे की नजर नही पड़ती जबकि आए दिन सड़क हादसा व बाद-विवाद, मारपीट, हत्या नशेे की वजह से हो रही हैं। कई बार पुलिस के विज्ञप्ति में भी इस बात का जिक्र रहता है कि विवाद, मारपीट एवं हत्या का कारण नशाखोरी हैं। पुलिस का नशामुक्त अभियान कहा तक सार्थक है और पुलिस क्या वाकई में नशामुक्त अभियान को असली उद्देश्य तक ले जाने के ईरादा रहता है या फिर केवल खानापूर्ति करने में लगी रहती है पुलिस